zindgi

#छोटा करके देखिये जीवन का विस्तार #आँखों भर आकाश है और बाँहो भर संसार !

जीवन ! जो सीखा और जो समझा ज़िंदगी मे , जितना  गलतियो से सीखा खुद की और जो दुसरो को गलतिया करते  देखा | सही गलत , अच्छा बुरा जो भी जीवन मे  घटा  उस सब से समझकर  जो उम्मीद निकल कर  आई  है  वो ये है की " छोटा करके देखिये जीवन का विस्तार, आँखों भर आकाश है और बाँहो भर संसार।  की अगर आप समझेंगे की  जितना आपको दिख रहा उतना ही आकाश है और जितनी बाँहो  मे  आजाय उतनी ही ये दुनिया है। पर इससे उलट एक बात बात जो मैं  कहना चाहती हु वो ये है की जिस तरह जितना दिख जाय उतना आकाश है जितना बाँहो मे  आजाय उतनी दुनिया है. उसी तरह से जितना आप सोचेंगे न उतना ही आपको मिलेगा, इसलिए बड़ा सोचे  क्यूंकि  सोचेंगे नहीं तो होगा भी नहीं। 

"गिरते है शह-सवार ही मैदान ऐ जंग मे। वो तिफ़्ल क्या गिरे जो घुटनो के बल चला करते है। "

अगर आपने  कोशिश ही नहीं करी  तो फिर क्या failure और क्या success.
तो बड़ा सोचना ज़रूरी है ज़िंदगी मे। एक बार की बात  है मे अपने दोस्तों के साथ बैठी हुई थी और मुझे भूक लगी थी तो मैं ऐसे बोल रही थी की काश कोई मुझे दाल चावल , आलू की सब्जी लाकर देदे, तब मेरी दोस्त ने  बोला की जब सोच ही रही हो तो कुछ अच्छा सोचो जब कल्पना कर ही रही हो तो आलू ही क्यों पनीर की करलो। ...... उसका कहना था की जब कुछ सोचना ही तो बड़ा  सोचो।


पर इसके पीछे ये बात है की हमे बचपन से यह सिखाया भी जाता है की जितनी चादर है उतने ही पैर पसारने है।ये बात हमे रोकती है नई चीज़े सोचने से  या आगे बढ़ने से।एक बार की बात है एक विज्ञान मे एक्सपेरिमेंट हुआ था, एक डिब्बा लिया उसमे कवर लगा दिए चारो  ओर से  और अंदर मक्खियाँ थी।बहुत दिन तक मक्खियाँ  घूम रही थी।.उसके बाद वो कवर हटा दिया गया उसके बाद भी वो उतने ही दूर तक घूम रही थी, क्यूंकि उनको लगा हमारी लिमिट यही है।  तो उनको लगा ही नहीं की इससे ऊपर उड़ सकते है।  तो इसका कहने  ये है की लिमिट सेट हो जाती है बचपन  मे , अक्सर हमारी सोसाइटी मे , मिडिल क्लास सोसाइटी मे जहाँ  से अधिकतर लोग आते है।अक्सर लोग बोलते है की काहे पढ़ रहे हो आईएएस थोड़ी बन जाओगे या प्रधान मंत्री थोड़ी ही जाओगे, तो ऐसे लोगो को कह ही  देना चाहिए की हाँ बन जायगे, भले ही थोड़ा ज्यादा लगे।, पर कह देना चाहिए।

वो कहते है न की यूनिवर्स आपके साथ काम करता है, अगर मन मे बस आपके बात आजाए  तो मन वो अपने आप उसी तरफ चल देती है।  तो  हमारी सोच है कही न कही तो वो मैएने रखती है।

तो  अंग्रेजी मे कुछ इस तरह से कहेगे कि
"your life will not give you surprises tomorrow if  you don't exaggerate your dreams today!"

Image courtesy - Ankita Singh

Popular posts from this blog

Navratri Wishes in English and Hindi for 2025

A Journey Through the History of Uttarakhand

🌄 केदारनाथ के पास छोटे ट्रेक्स – प्रकृति और भक्ति का सुंदर संगम

Hindu New Year Wishes in English and Hindi

Temples to Visit During Navratri in Uttarakhand

🌿 Small Treks in Rishikesh for Beginners – Explore the Gateway of Adventure! | 🚶‍♀️ शुरुआती ट्रैकर्स के लिए ऋषिकेश के छोटे ट्रेक्स

The major Differences and Similarities Between Kumaon and Garhwal Cultures of Uttarakhand

🚩 केदारनाथ की यात्रा करते समय और कहाँ जा सकते हैं

Bichu Buti: A magical plant found in Uttarakhand

चार धाम की यात्रा का रजिस्ट्रेशन कैसे करें? (Char Dham Yatra Registration Guide)