नवरात्रि 2024: दिनवार माता के नाम, भोग, प्रसाद, रंग और महत्व

नवरात्रि 2024: दिनवार माता के नाम, भोग, प्रसाद, रंग और महत्व

 


नवरात्रि हिंदू धर्म में देवी दुर्गा की आराधना का प्रमुख पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर दिन मां के एक विशेष रूप, उनसे संबंधित भोग, प्रसाद और रंग का भी महत्व होता है। आइए जानते हैं नवरात्रि 2024 के प्रत्येक दिन किस देवी की पूजा, कौन-सा रंग पहना जाता है और किस प्रकार का भोग अर्पित किया जाता है:

 

 1. पहला दिन: मां शैलपुत्री

- महत्व: मां शैलपुत्री देवी पार्वती का अवतार हैं, जो हिमालय की पुत्री मानी जाती हैं। इनकी पूजा से इच्छाशक्ति, साहस और समर्पण की शक्ति मिलती है।

- भोग: मां शैलपुत्री को शुद्ध घी का भोग अर्पित किया जाता है।

- प्रसाद: घी के साथ बने हलवे का प्रसाद वितरित किया जाता है।

- रंग: पहला दिन सफेद रंग का होता है, जो शांति और पवित्रता का प्रतीक है।

 

 2. दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी

- महत्व: मां ब्रह्मचारिणी तपस्या और धैर्य की देवी मानी जाती हैं। इनकी पूजा से साधक को संयम और आत्म-नियंत्रण प्राप्त होता है।

- भोग: मां को मिश्री, चीनी, और पंचामृत का भोग चढ़ाया जाता है।

- प्रसाद: दूध और मिश्री से बनी खीर का प्रसाद दिया जाता है।

- रंग: दूसरे दिन का रंग हरा होता है, जो विकास और जीवन का प्रतीक है।

 

 3. तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा

- महत्व: मां चंद्रघंटा शांति, साहस और शक्ति की देवी हैं। इनकी पूजा से साधक के जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

- भोग: मां को दूध और उससे बने पदार्थ अर्पित किए जाते हैं।

- प्रसाद: खीर या दूध से बनी मिठाई का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

- रंग: तीसरे दिन के लिए सुनहरे या पीले रंग का महत्व है, जो समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है।

 

 4. चौथा दिन: मां कूष्मांडा

- महत्व: मां कूष्मांडा ने ब्रह्मांड की रचना की थी। इनकी पूजा से स्वास्थ्य, धन और समृद्धि प्राप्त होती है।

- भोग: मां को मालपुआ या दही का भोग चढ़ाया जाता है।

- प्रसाद: मालपुआ का प्रसाद भक्तों में बांटा जाता है।

- रंग: चौथे दिन का रंग नारंगी होता है, जो ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है।

 

 5. पांचवा दिन: मां स्कंदमाता

- महत्व: मां स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय की माता हैं। इनकी पूजा से मातृत्व सुख, स्नेह और शक्ति प्राप्त होती है।

- भोग: मां को केले का भोग लगाया जाता है।

- प्रसाद: केले का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

- रंग: पांचवे दिन का रंग सफेद होता है, जो शांति और शुद्धता का प्रतीक है।

 

 6. छठा दिन: मां कात्यायनी

- महत्व: मां कात्यायनी ने महिषासुर का वध किया था। इनकी पूजा से आत्मरक्षा और साहस का आशीर्वाद मिलता है।

- भोग: मां को शहद का भोग चढ़ाया जाता है।

- प्रसाद: शहद और उससे बनी मिठाइयों का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

- रंग: छठे दिन का रंग लाल होता है, जो साहस और ऊर्जा का प्रतीक है।

 

 7. सातवां दिन: मां कालरात्रि

- महत्व: मां कालरात्रि अंधकार और भय का नाश करने वाली देवी हैं। इनकी पूजा से सभी कष्ट और भय दूर होते हैं।

- भोग: मां को गुड़ का भोग अर्पित किया जाता है।

- प्रसाद: गुड़ से बने लड्डू का प्रसाद बांटा जाता है।

- रंग: सातवें दिन का रंग नीला या गहरा बैंगनी होता है, जो शक्ति और रहस्य का प्रतीक है।

 

 8. आठवां दिन: मां महागौरी

- महत्व: मां महागौरी शांति और पवित्रता की देवी हैं। इनकी पूजा से पापों का नाश होता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

- भोग: मां को नारियल और उससे बनी मिठाई का भोग चढ़ाया जाता है।

- प्रसाद: नारियल का प्रसाद दिया जाता है।

- रंग: आठवें दिन का रंग गुलाबी होता है, जो प्रेम और करुणा का प्रतीक है।

 
 9. नौवां दिन: मां सिद्धिदात्री

- महत्व: मां सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की प्रदाता मानी जाती हैं। इनकी पूजा से जीवन में सफलता और सिद्धि की प्राप्ति होती है।

- भोग: मां को तिल और तिल से बने लड्डुओं का भोग अर्पित किया जाता है।

- प्रसाद: तिल के लड्डू का प्रसाद बांटा जाता है।

- रंग: नौवें दिन का रंग बैंगनी होता है, जो आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है।

 

 निष्कर्ष

नवरात्रि का पर्व शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। हर दिन माता के विभिन्न रूपों की पूजा, उनके पसंदीदा भोग और प्रसाद के साथ की जाती है। नवरात्रि 2024 में माता की कृपा प्राप्त करने के लिए इन विशेष रंगों, भोग और पूजा विधियों का पालन करें, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और शक्ति का आगमन हो।


Comments

Popular posts from this blog

Why Women Criticize Others? Understanding the Psychology Behind It

Ghost Villages of Uttarakhand: A Haunting Reality of Migration

Safest Places to Visit in Uttarakhand: A Peaceful Escape into the Himalayas

Bichu Buti: A magical plant found in Uttarakhand

🗺️ Which Districts in Uttarakhand Share the Border with Nepal?

Uttarakhand Marriage Certificate: A Guide & an experience.

Exploring the Sacred Confluences: A Journey Through Panch Prayag in Uttarakhand

Char Dham Yatra Registration Link 2025 – Step-by-Step Guide for Devotees

DETACHMENT.....AN UNBEARABLE PAIN.

How to Reach Nepal from Uttarakhand: A Complete Travel Guide